
करणी माता ने ली परीक्षा \ टी. टी को मिला दण्ड \ चोरी हुई कार मिली ; संस्मरण
करणी माता ने ली परीक्षा \ टी. टी को मिला दण्ड \ चोरी हुई कार मिली ; संस्मरण
करणी माता का मंदिर बीकानेर के देशनोक में स्थित है | वे हमारी कुल देवी हैं तथा उनका मंदिर चूहों वाली देवी के नाम से विख्यात है | देश विदेश से अनेक लोग इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं |
हम प्रत्येक चौदस को करणी माता के दर्शन हेतु जयपुर से देशनोक जाया करते थे | उस समय कोटा हनुमानगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन चला करती थी | रेगुलर यात्रा के कारण उस ट्रेन के अटेंडेंट और टीटी भी हमें पहचानते थे |
टी.टी को मिला दण्ड
उस ट्रेन में ac थ्री टायर में एक नया कोच जोड़ा गया था जिसके बारे में हमें कुछ मालूम नहीं था | इत्तफाक से हमें उसी नए कोच में रिजर्वेशन मिला था | जब हम कोच में चढ़े तो देखा की अटेंडेंट तो जाना पहचाना था पर टी.टी नया था | यह साहब मझोले कद के , बड़े चेहरे वाले तथा अधकचरी दाढ़ी वाले थे | उनकी बड़ी तोंद, लाल ऑंखें और अस्त व्यस्त कपडे उनके मदिरा सेवन करने के संकेत दे रहे थे | चेहरा लाल था शायद रक्त प्रवाह बढ़ा हुआ था और बोलने में कुछ पंजाबी लहजा था, जो हिंदी में घुला मिला था | यह साफ़ था की वो हनुमानगढ़ के आसपास से चढ़े थे | हमें पंजाबी भाषा की अच्छी जानकारी है इसलिए उनकी भाषा पकड़ में आ रही थी |
कोच में ज्यादा लोग नहीं थे और करीबन आधा कोच खाली था | ज्यादातर लोग वृद्ध या वयोवृद्ध थे |
उन साहब ने सभी लोगों की सीट बदलकर कोच के एक तरफ कर दी थी | हमारी सीट मध्य भाग में थी और हमारी सीट के आगे सभी सीट्स खाली थी | टीटी साहब की इस इंसानियत में हमें खिचड़ी पकने की बू आ रही थी |
ट्रेन चलने के कुछ देर पश्चात उन साहब ने किसी से फ़ोन पर बात की | बातें पंजाबी भाषा में हो रही थी पर हम आराम से समझ पा रहे थे | वो साहब पार्टी का इंतज़ाम कर रहे थे | अगले स्टेशन पर उनके दो मित्र उस गाड़ी में चढ़े तथा उनके पास मदिरा की बहुत सी बोतलें थी |
टेबल सजाई गयी तथा फ़ोन पर गाने बजने लगे | ट्रेन के बाकी यात्री चुपचाप सोते रहे और जो लोग फुसा फुसा कर इन टीटी साहब का विरोध कर रहे थे उनके स्वर नक्कारखाने में तूती के समान थे | कुछ ही देर में गानों के आवाज़ बहुत तेज़ हो गयी और टीटी साहब गानों की धुन पर थिरकने लगे | लोगों की फुसफुसाहट वक्त की नजाकत के सामने दम तोड़ चुकी थी | उनके मित्र भी साथ दे रहे थे पर वो सधे हुए थे , पर टीटी साहब तो पूरी तरह मदमस्त थे | शालीनता की सभी हदें पर करते हुए उन्होंने अपने वस्त्र एक खूँटी पर टांग दिए तथा केवल एक अन्तःवस्त्र में डांस करने लगे | हमने ये हरकत मोबाइल में रिकॉर्ड करने की सोची पर उस समय नोकिया और सिम्बियन का जमाना था और इतनी कम लाइट में कुछ भी रिकॉर्ड नहीं हुआ | हाँ हमने कुछ अनुपम छविचित्र जरूर उतारे थे जिसमे उनके कपडे पीछे टंगे दिख रहे थे और वो दृश्य में अपना भौंडा नृत्य करते दिख रहे थे | उनके मित्र कुछ देर बाद खिसक लिए थे पर वो रात दो बजे तक नृत्य करते रहे |
उनके सोने के पश्चात एक वृद्ध दम्पती ने अपनी व्यथा सुनाई की वो कैसे भयभीत थे | हमने माँ से मन ही मन प्रार्थना की, इस प्रकार के धूर्त व्यक्ति को सजा जरूर मिलनी चाहिए | उस ट्रेन का अटेंडेंट भी उस टीटी से डरता था पर जब हम रात्रि तीन बजे उतरे तो वो भी उस टीटी की शिकायत करने की बात कह रहा था | वो हमसे निवेदन कर रहा था की हम उस टीटी की शिकायत ऊँचे पद पर आसीन लोगों से करें | पर हम तो सबसे ऊँचे पद पर शिकायत की अर्जी लगा चुके थे |
खैर माता ने हमारी प्रार्थना सुन ली थी | जाते वक्त (वापिस लौटते समय ) अटेंडेंट ने हमें बताया की हमारे उतरते ही अगले स्टेशन पर फ्लाइंग आ गयी थी | छापे के दौरान टीटी साहब नशे में धुत्त निर्वस्त्र हालत में पकडे गए | उन्हें ससपेंड कर दिया गया था |
करणी माता ने ली परीक्षा
हमारे बीकानेर से देशनोक जाने के लिए हमने एक परमानेंट ड्राईवर रख लिया जो ठीक चार बजे होटल पर पहुँचता था और ऐसे हम प्रातः पांच बजे वाली आरती देख पते थे | विकास (हमारा ड्राईवर) एक ऊंचे कद का युवा था जो मन से माता जी का अनन्य भक्त था | वो हमेंशा समय पर आता था और हम हमेंशा उस से मित्रवत व्यव्हार रखते थे |
करणी माता के दर्शन हम साथ साथ ही करते थे | करणी माता के मंदिर में सफ़ेद काबा (चूहा) देखे जाना महत्वपूर्ण माना जाता है पर माँ की कृपा से हमें हर बार श्वेत काबा दिख जाता था | एक बार विकास ने हमारी परीक्षा लेने के उद्देश्य से बोला की हम उसे भी श्वेत काबा के दर्शन करवाएं | उस दिन हम आरती ले चुके थे पर श्वेत काबा नहीं दिखा था | हमारे भीतर से आवाज आ रही थी | हम विकास से बोले :
“ इसमें कौन सी बड़ी बात है “
“सामने वो सीढ़ी देख रहे हो , देखना वहीँ से अभी उतरता हुआ दिखेगा “
हमने अपनी बात समाप्त भी नहीं की थी की एक श्वेत काबा ऊपर से उतरता दिखाई दिया | विकास बहुत खुश हो गया , पर हम जानते थे की वो माँ की कृपा थी | माँ अपने भक्तों की हर बात मानती है |
पर माँ यदि कृपा करती है तो परीक्षा भी लेती है |
इस मंदिर से कुछ दूरी पर नेहरी जी का स्थान है जहाँ करणी माता ने तपस्या की थी | हम नेहरी जी के दर्शन के पश्चात गाडी में आकर बैठ गए थे | विकास अभी अन्दर ही था |
इतने में एक अत्यंत वृद्ध महिला ने हमसे पुछा की क्या हम उसे बीकानेर तक छोड सकते हैं | वृद्धा के सर पर एक बहुत बड़ा व बहुत भारी गट्ठर था | लकड़ियों के इस गट्ठर के बोझ से वो वृद्धा दबी जा रही रही थी | हम पशोपश में थे , क्योंकि बिना विकास की अनुमति के हम उस वृद्धा को साथ नहीं लेजा सकते थे | हमने उस वृद्धा को बताया की हम इस गाडी के मालिक नहीं हैं | कुछ मायूस सी वो वृद्धा कुछ आगे बढ़ गयी |
इतने में विकास लौट आया | लौटते वक्त शायद उसने उस वृद्धा को देख लिया था | उसने हमसे उसके बारे में पुछा तो हमने सब कुछ कह दिया | वो बोला की हम उसकी मदद कर सकते हैं | बिचारी बूढी कहाँ तक जायेगी |
हमने उस वृद्धा स्त्री को आस पास खोजा पर वो तो वहां थी ही नहीं | वो तो बिलकुल हवा में ओझल हो गयी थी | अचानक हमारे मन से आवाज़ आई :
“ ले तू तो परीक्षा में फेल हो गया “
शायद विकास को इस बात का एहसास हो चुका था | उसने भी हमसे वही बात कहीं | हमें दुःख तो हुआ पर अब क्या हो सकता था |
ट्रेन में हमारी दुबारा परीक्षा ली गयी जब एक नवयुवक नें अपनी वृद्धा दादी के लिए वो सीट मांगी जिस पर हम सो रहे थे | हमने तुरंत अपनी सीट छोड दी थी | मजेदार बात यह थी की उस युवक ने केवल हमारी ही सीट का पर्दा हटाया था जबकि उसकी दादी की सीट और हमारी सीट के बीच बहुत फांसला था | उनकी ऊपर की सीट थी और वो ऊपर नहीं चढ़ सकती थीं |
हमने उस युवक से पुछा था की उसने हमें ही क्यों उठाया पर वो भी हैरान था की वो सभी सीट्स छोड़कर केवल हमारी सीट पर क्यों आया | दूसरी बात यह थी की पर्दा होने के कारण तो उसे पता ही नहीं था की हमारी सीट पर कौन सो रहा है |
हमें मालूम था उसे किसने भेजा था | इस बार हम परीक्षा में फेल नहीं हुए थे |
चोरी हुई कार मिली
हम वास्तु के कार्य के लिए हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर इत्यादि के दौरे पर थे | हमारे साथ शहर के चार और गणमान्य व्यक्ति थे | जब हम बीकानेर पहुंचे तो हमने उनसे करणी माता के दर्शन करने का आग्रह किया | हम सबने माता जी के दर्शन किये तथा उनकी कार से नेहरी जी के दर्शन करने पहुंचे |
हमारे उन जानकारों में से एक जन को फ़ोन पर सूचना मिली की जयपुर में उनके घर के बहार खड़ी नयी कार चोरी हो गयी है | वो व्यक्ति संशय में पढ़ गया की कहाँ तो उसने एक पवित्र स्थान के दर्शन किये और कहाँ ये हादसा हो गया |
हम सब उसको सांत्वना दे रहे थे पर हमें तो बहुत दुख था | हम ही उसे उस मंदिर में लाये थे | हमने माता से प्रार्थना की, कि उसकी कार किसी तरह उसे वापिस मिल जाये |
जब तक हम मंदिर से बहार निकले तब तक शायद पंद्रह मिनट हो चुके थे |
इतने में उन साहब को फ़ोन पर सूचना मिली की कार और कार चोर दोनों पकड़ लिए गए हैं |
वो साहब और हम सब बहुत हैरान हुए क्योंकि हमारी देश की पुलिस इतनी जबरदस्त तो नहीं है की केवल पंद्रह मिनट में ऐसा कारनामा कर दिखाए |
हमने मन ही मन माता को धन्यवाद दिया | उस व्यक्ति को हमने फटकारा भी की कभी भी किसी देवी देवता को अपने साथ हुई घटना या दुर्घटना का दोषी नहीं समझना चाहिए |
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